शुक्रवार, 13 अगस्त 2021

कैसे भूल जाये तुमको , बिछड़ के अब कहा जाये तुमसे// sad love poem


कैसे भूल जाये तुमको , बिछड़ के अब कहा जाये  तुमसे
टूटे हुए दिल को बहलाये कैसे ,
रूठे हुए दिल को मनाये कैसे ,
यादो को उनकी अब , दिल में छुपाये कैसे 
बोलो टूट के अब रह पाए कैसे 
सुबह और  शाम को  अब  समझाए कैसे 
उल्फत उन कहानियों को ,सोच के जी पाए कैसे 
 दिल की टूटी आरजू को यु समझाए कैसे 
मिले है जो दर्द इश्क में उसे सहपाये कैसे 
मेरी वीरानी जिंदगी को दिए जो उम्मीद तुम
आज उन उम्मीदों को तोड़ जाये कैसे 
तुझसे बिछङ  के अब जी  पाए कैसे 
तेरे इश्क  से दूर रह पाहे कैसे  
आते थे जो ख्वाबो में ,नीद को  अब लाये कैसे  
टूटे है जो इश्क में अब संभल  पाए कैसे 

 क्या थी वजह मेरी यु बतलाओ न ,रूठने की  कोई तो वजह यु बताओना  

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