मंगलवार, 11 अगस्त 2020

गैलापागोस द्वीप चर्चा में क्यों है



गैलापागोस द्वीप चर्चा में क्यों है :=

     प्रशांत महासागर के समीप हाल ही मे चीन में मछुआरों को इक्वाडोर के पास गालापागोस द्वीप समूह  में देखा  गया है  वही इक्वाडोर ने इस पर आपत्ति जताई है और अमेरिका ने भी इक्वाडोर का समर्थन किया है और आपत्ति जताई है 
    
     वैसे भी आज हर जगह चीन ने अपनी नजर  गड़ाई है और हर  विस्तार वादी निति अपनायी है और आज कल पिछले कई दसक से जानवरो को खाने का काफी  प्रचलन है और काफी सारे नई प्रजाति के जीव मिलते है जो  नहीं मिलते है न किसी द्वीप ,न ही किसी सागर में ,  और न ही किसी देश में मिलते  चाइना इस पर अपनी नजर गड़ाए है अपनी विस्तारवादी और कूटनीतिक निति से। 

द्वीप समूह के  बारे में :=

         यह दक्षिण अमेरिका से लगभग 1000 किलोमीटर दूर ,लगभग 60 हजार वर्ग किलोमीटर में फैला है जो की इक्वाडोर का हिस्सा है यहा पाए जाने वाले विशालकाय कछुओ के नाम पर रखा गया है यह कई विभिन्न दुर्लभ  प्रजातियों के लिए प्रसिद्ध है जिनमे  '' MARINE,IGUANAS, ,FUR SEALS और WAVED ALBATROSS  जैसी दुर्लभ प्रजाति , जो कही नहीं पायी जाती इक्वाडोर गैलापागोस के छोङ कर। 
         इक्वाडोर ने 1935 में इसे वन्यजीव अभ्यारण घोषित कर दिया गया था ,फिर 1959 में इस अभ्यारण को राष्ट्रीय उद्यान घोषित कर दिया गया था 
        1978 में गैलापागोस द्वीप समूह को यूनेस्को का पहला विरासत स्थल घोषित कर दिया गया था हर सर इक्वाडोर को गैलापागोस स्थित प्राकृतिक आवास को चीनी जहाजों से बचाने की चुनौती का सामना करना पड़ता है और दिन ब दिन चीन उस पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रह है 
 

अन्य महत्वपूर्ण जानकारी :=

         1835 में गैलापागोस द्वीप समूह में रहकर ब्रिटिश प्रकृतिवादी '' चार्ल्स डार्विन '' ने विकाश के सिध्दांत काअध्यन किया था 
         गैलापागोस द्वीप समूह को सर्वप्रथम डार्विन ने '' WORLD IN ITSELF'' की संज्ञा दी। 
         गैलापागोस यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल ''MARTA RAYS'' और शार्क मछलियों के लिए विश्व प्रसिध्य है 
 

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