शनिवार, 5 दिसंबर 2020

विश्व में 5 दिसंबर का दिन विश्व मृदा दिवस

 

विश्व मृदा दिवस 2020 थीम

इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानों के साथ आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है. विश्व मृदा दिवस 2020 की थीम पर्यावरण प्रेमियों से संबंधित. इस वर्ष का अभियान है "मिट्टी को जीवित रखना, मिट्टी की जैव विविधता की रक्षा करना"

       हर वर्ष पूरे विश्व में 5 दिसंबर का दिन विश्व मृदा दिवस या विश्व मिट्टी दिवस के रूप में मनाया जाता है। सबसे पहले वर्ष 2017 में पांच दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया गया था, जो उससे पहले हर वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाता है। दरअसल पांच दिसंबर को थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज के जन्मदिन पर मनाया जाता है।

       विश्व मिट्टी दिवस की संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर वर्ष 5 दसंबर को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानो और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। विश्व के बहुत से भागों में उपजाऊ मिट्टी बंजर और किसानो द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीड़ेमार दवाईओं का इस्तेमाल करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने के कारण इसकी उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है और यह प्रदूशंन का भी शिकार हो रही है।इस लिए किसानो और आम जनता को इसकी सुरक्षा के लिए जागरूक करने की जरूरत है। 20 दसंबर 2013 को प्रति वर्ष 5 दसंबर को विश्व मिट्टी दिवस, (IYS 19 feb. 2015) [  IYS, International Year of Sanitation (United Nations)] मनाने का फैसला लिया गया था।

5 दिसंबर, 2017 को संपूर्ण विश्व में ‘विश्व मृदा दिवस’ (World Soil Day) मनाया गया। वर्ष 2017 में इस दिवस का मुख्य विषय (Theme)- “Caring for the Planet Starts From The Ground” (ग्रह की देख-भाल भूमि से शुरू होती है) था। इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से मिट्टी के नियमित परीक्षण हेतु ‘स्वस्थ धरा, खेत हरा’ के माध्यम से आह्वान किया। वर्तमान में विश्व की संपूर्ण मृदा का 33 प्रतिशत पहले से ही बंजर या निम्नीकृत (Degraded) हो चुका है। उल्लेखनीय हैं कि हमारे भोजन का 95 प्रतिशत भाग मृदा से ही आता है। वर्तमान में 815 मिलियन लोगों का भोजन असुरक्षित है और 2 अरब लोग पोषक रूप से असुरक्षित हैं, लेकिन हम इसे मृदा के माध्यम से कम कर सकते हैं। इस दिवस का उद्देश्य मृदा स्वास्थ्य के प्रति तथा जीवन में मृदा के योगदान के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। 20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन ने 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष ‘विश्व मृदा दिवस’ मनाने की पेशकश की थी जिसे संयुक्त राष्ट्र के द्वारा अपनाया गया । संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसी संकल्प के माध्यम से वर्ष 2015 को ‘अंतरराष्ट्रीय मृदा वर्ष’ यानि World Soil Day के रूप में मनाने की घोषणा की थी।


ये ज़िन्दगी हसीं है इस से प्यार करो,
अभी है रात तो सुबह का इंतज़ार करो,
वो पल भी आएगा जिसकी ख्वाहिश है आपको,
रब पर रखो भरोसा वक़्त पर एतबार करो।


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