सोमवार, 8 फ़रवरी 2021

26 January history







इतनी भी क्या जल्दी है दवा लगाने की ,

जख्म तो अभी ताजा है थोङा बह जाने दो ,,



विवरणप्रत्येक वर्ष का 26 जनवरी एक ऐसा दिन है जब प्रत्‍येक भारतीय के मन में देश भक्ति की लहर और मातृभूमि के प्रति अपार स्‍नेह भर उठता है।
उद्देश्ययह आयोजन हमें देश के सभी शहीदों के नि:स्‍वार्थ बलिदान की याद दिलाता है, जिन्‍होंने आज़ादी के संघर्ष में अपने जीवन बलिदान कर दिए और विदेशी आक्रमणों के विरुद्ध अनेक लड़ाइयाँ जीती।
इतिहास26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू हुआ और इस प्रकार भारत सरकार के संसदीय रूप के साथ एक संप्रभुताशाली समाजवादी लोक‍तांत्रिक गणतंत्र के रूप में भारत देश सामने आया। भारतीय संविधान, जिसे देश की सरकार की रूपरेखा का प्रतिनिधित्‍व करने वाले पर्याप्‍त विचार विमर्श के बाद विधान मंडल द्वारा अपनाया गया, तब से 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में भारी उत्‍साह के साथ मनाया जाता है और इसे राष्‍ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।
विशेषप्रधानमंत्री द्वारा गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्‍या (25 जनवरी) पर राष्ट्र के नाम संदेश प्रसारित किया जाता है। इसके बाद अगले दिन, जो जवान आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुए उनकी याद में इंडिया गेट पर अमर ज्योति जलाई जाती है। इसके शीघ्र बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है और राष्ट्रपति महोदय द्वारा राष्‍ट्रीय ध्‍वज फहराया जाता है एवं राष्‍ट्रगान होता है। महामहिम राष्ट्रपति के साथ एक उल्‍लेखनीय विदेशी राष्ट्र प्रमुख आते हैं, जिन्‍हें आयोजन के मुख्‍य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।
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अन्य जानकारीपहली बार 21 तोपों की सलामी के बाद राष्‍ट्रीय ध्‍वज को डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने फहरा कर 26 जनवरी1950 को भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्‍म की घो‍षणा की। ब्रिटिश राज से आज़ादी पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्‍वतंत्र राज्‍य बना


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