एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा,
आँख हैरान है क्या शख़्स ज़माने से उठा।
प्रत्येक वर्ष देश भर में 11 नवम्बर को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस' या राष्ट्रीय शिक्षण दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2016 में इस दिवस का मुख्य विषय- 'सबको शिक्षा-अच्छी शिक्षा' था। आजाद देश के पहले शिक्षा मंत्री 15 अगस्त 1947 से 02 फरवरी 1958 के मध्य बनें थे
मौलाना अबुल कलाम का मानना था कि स्कूल प्रोयगशालाएं हैं जहां भावी नागरिकों का उत्पादन किया जाता है
मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एक प्रसिद्ध भारतीय मुस्लिम विद्वान थे. वे कवि, लेखक, पत्रकार और भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे.
बता दें कि अबुल कलाम ने 1947 से 1958 तक स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका मानना था कि मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने न केवल महिलाओं की शिक्षा पर जोर दिया बल्कि उन्होंने 14 साल की आयु तक सभी बच्चों के लिए निशुल्क सार्वभौमिक प्राथमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा की वकालत की।
मौलाना आजाद अपने समय के एक प्रमुख पत्रकार थे और भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन का कारण भी बने। उन्होंने शिक्षा और राष्ट्र के विकास के बीच संबंध को समझा। बता दें कि 1950 में संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी का गठन हुआ था। ये सब आजाद की अगुवाई में ही हुआ था। इसके साथ ही 1949 में, सेंट्रल असेंबली में, उन्होंने आधुनिक विज्ञान के महत्व पर ज्यादा जोर दिया था।
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